पूर्व केंद्रीय मंत्री और बंगाल में बीजेपी के बड़े नेता बाबुल सुप्रियो ने पार्टी छोड़ साथही राजनीति को अलविदा कह दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख कहा है कि वे राजनीति में सिर्फ समाज सेवा के लिए आए थे. अब उन्होंने अपनी राह बदलने का फैसला लिया है.
बीजेपी छोड़ बाबुल सुप्रियो ने राजनीति को कहा अलविदा
उन्होंने कहा है लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में रहने की जरूरत नहीं है. वे राजनीति से अलग होकर भी अपने उस उदेश्य को पूरा कर सकते हैं. उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वे हमेशा से बीजेपी का ही हिस्सा रहे हैं और रहेंगे. वे कहते हैं कि उनके इस फैसले को 'वो' समझ जाएंगे.
WordPress Vs blogger - सबसे अच्छा ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कौन सा है?
पिछले कुछ दिनों से बाबुल सुप्रियो की चुप्पी और बीजेपी में उनकी कम होती भूमिका पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. अटकलें थी कि बाबुल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. अब अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन तमाम विवादों पर भी बाबुल ने विस्तार से बात की है. उन्होंने कहा है कि पार्टी संग मेरे कुछ मतभेद थे. वो बातें चुनाव से पहले ही सभी के सामने आ चुकी थीं. हार के लिए मैं भी जिम्मेदारी लेता हूं,लेकिन दूसरे नेता भी जिम्मेदार हैं.
पहले से छोड़ना चाहते थे पार्टी
बाबुल सुप्रियो ने इस बात का भी जिक्र किया है कि वे लंबे समय से पार्टी छोड़ना चाहते थे. वे पहले ही मन बना चुके थे कि अब राजनीति में नहीं रहना है. लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के रोकने की वजह से उन्होंने अपने उस फैसले को हर बार वापस लिया. लेकिन अब क्योंकि उनके कुछ नेताओं संग मतभेद होने शुरू हो गए थे और तमाम विवाद भी जनता के सामने आ रहे थे, ऐसे में उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला ले लिया.
मंत्रिमंडल में नहीं मिली जगह
वैसे हाल ही में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी बाबुल सुप्रियो को जगह नहीं दी गई थी. उन्हें उनके पद से से इस्तीफा देना पड़ा था. सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने इस बारे में भी लिखा है, लेकिन कुछ भी स्पष्ट रूप से लिखने से बचे हैं.
बंगाल में बीजेपी पर राय
बंगाल में बीजेपी की बढ़ती ताकत पर बाबुल ने कहा है कि अब पार्टी के पास कई नेता मौजूद हैं. नौजवान भी हैं और दिग्गज भी साथ खड़े हैं, ऐसे में अगर कोई अब पार्टी छोड़ भी देता है तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है. उनके मुताबिक जब उन्होंने बंगाल में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का निर्णय लिया तब यहां पर बीजेपी की स्थिति बिल्कुल सही नहीं थी. वे अकेले एक बड़ा चेहरा थे. लेकिन अब 2019 के बाद से बीजेपी इस राज्य मे मुख्य विरोधी पार्टी बन उभरी है.
बाबुल ने अपनी पोस्ट के अंत में भावुक अंदाज में कहा है कि 1992 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की नौकरी छोड़कर मुंबई मुंबई भागते वक्त जो किया था, अब फिर मैंने वहीं किया है.
फैसले पर राजनीतिक अटकले
अब बाबुल ने जरूर सोशल मीडिया पर राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है, लेकिन टीएमसी ने इसे ड्रामा करार दिया है. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष कहते हैं कि बाबुल को अगर राजनीति से संन्यास लेना है, तो सबसे पहले एमपी पद से इस्तीफा देना चाहिए. ये बात किसी से नहीं छिपी है कि मंत्री पद से इस्तीफे के बाद बीजेपी ने बाबुल को भाव नहीं दिया था.
WordPress Par Website kaise banaye - Step by Step वर्डप्रेस पर वेबसाइट कैसे बनाये 2023
वहीं बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस सवाल से बचने की कोशिश की है. उन्होंने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. बाबुल ने एमपी पद से इस्तीफा नहीं दिया है. वहीं किसे राजनीति में रहना है और किसे जाना है, ये एक निजी फैसला है.
Post a Comment
Thanks For Visiting and Read Blog