दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ |
दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में इतिहासिक कार्य कर सुर्ख़ियो में है वही उत्तरप्रदेश की योगी सरकार शिक्षा के बजट में भरी कटौती कर सुर्ख़ियो में है। योगी सरकार ने उच्च माध्यमिक शिक्षा के लिए पेश किए बजट में अखिलेश सरकार के पिछले साल के बजट की तुलना में 9,414 करोड़ की कटौती की है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जहां पिछले साल (2016-17) के बजट में अखिलेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के लिए 9,990 करोड़ के बजट की प्रावधान किया था वहीं इस साल योगी सरकार ने सिर्फ 576 करोड़ का बजट पेश किया है।योगी सरकार के पहले बजट में शिक्षा बजट में भारी कटौती किया है। माध्यमिक शिक्षा में 9,414 करोड़ की कटौती और उच्चशिक्षा में 2,469 करोड़ की कटौती किया है। बीजेपी सरकार अपने चुनावी वादों को भूलते हुए
लैपटॉप की भी कोई व्यवस्था नहीं किया। इसके अलावा भाजपा ने अपने चुनावी वादे में प्रतिभाशाली छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने की बात कही थी। लेकिन यूपी के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने जो बजट प्रस्तुत किया उसमें मुफ्त लैपटॉप का कोई जिक्र तक नहीं था। योगी सरकार के बजट को देख लगता है युवाओं को अनपढ़ बनाने की तैयारी कर शिक्षा बजट 2,742 करोड़ से घटाकर किया 272 करोड़किया। अगर हम दिल्ली के बजट की बात करे तो योगी सरकार को शर्म की बात होनी चाहिए।
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योगी सरकार को तो दिल्ली की सरकार से सीखना चाहिए जिसने शिक्षा के बजट को पूरे बजट का 24 % कर दिया है। 10,000 नए क्लासरूम अगले साल बनने शुरू होंगे। 8000 नए कमरे पहले ही बनकर तैयार हैं। 156 सरकारी स्कूल में नर्सरी और केजी की क्लास शुरू होंगी। पूरी दिल्ली में चाइल्डहुड लर्निंग सेंटर खोलने की योजना है। 10 अर्ली चाइल्डहुड सेंटर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर खोलने की योजना है। इसके लिए 4 करोड़ आवंटित किए गए है। 6 से 10 कक्षा के लिए 400 नई लाइब्रेरी , इसके लिए 100 करोड़ आवंटित किया गया है। 5 स्कूल ऑफ एजुकेशन खोले जा रहे हैं। यूनिफार्म के लिए सब्सिडी बढ़ी, मिड-डे मील में केला और उबला अंडा दे रही है। सरकार के सभी सरकारी स्कूलों में कॉमर्स पढ़ाई जाएगी। सभी सरकारी स्कूलों में पंजाबी और उर्दू क्लब होगा। सभी सरकारी स्कूल शिक्षकों को एक टैब देने की योजना और शिक्षा के लिए 11,300 करोड़ रुपये यानी कुल बजट का 24 फीसदी बजट है।
शिक्षा के साथही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी दिल्ली सरकार ऐतिहासिक कार्य कर रही है। इस साल 150 मोहल्ला क्लीनिक की शुरुवात की है। दिल्ली सरकार अगले साल के अंत तक 1,000 मोहल्ला क्लिनिक का लक्ष्य पूरा कर लेगी। किशोरों के लिए 5 नशा मुक्ति केंद्र खोलेगी। हेल्थ बीमा के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। स्वास्थ्य मद में कुल 5736 करोड़ रुपये आवंटित किया है।
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केजरीवाल सरकार यातायात के क्षेत्र में भी बेहतरीन कार्य कर रही है। 736 क्लस्टर बस स्कीम के तहत शामिल होंगी। डीटीसी की सभी बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन लगाने की योजना है। सराय काले खां से मयूर विहार बारापुला का काम इस साल पूरा करने का लक्ष्य है। ट्रांसपोर्ट के लिए 5506 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। इसके साथही वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोग बनेगा। सामाजिक सुरक्षा के लिए 3467 करोड़ रुपये दिए गए है। दिल्ली महिला आयोग का बजट तीन गुना बढ़ाया गया यानी 120 करोड़ रुपये हो गए है। 12 लाख परिवारों को पानी के जीरो बिल का फायदा पहुंचाया। 309 अनधिकृत कॉलोनी में पानी पहुंचा। जल आपूर्ति के लिए 2108 करोड़ रुपये आवंटित किया गया। दिल्ली से 10 साल के अंदर कीकर के सभी पेड़ हटाये जाएंगे. दिसंबर 2019 तक टिकरी खामपुर में 70 एकड़ में मंदी बनेगी और छठ के घाट बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये दिया गया।
सबसे महत्वपूर्ण ये है की किसी भी प्रकार की टेक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। हलाकि २० रुपये तक के सेनेटरी नैपकिन पर vat 12.5 से घटाकर 5 % और टिम्बर पर vat 12.5 से 5% किया गया। नार्थ ईस्ट से दिल्ली आने में आसानी हो सके, इसलिये atf यानी विमानन ईंधन पर vat 25 से घटाकर 1% किया गया। योगी सरकार को केजरीवाल सरकार से कुछ सीखना चाहिए।पाखण्ड वाद से देश का भला नही होता है। देश की मिडिया की भूमिका भी देश की जनता का गुमराह करने की रही है। योगी सरकार 86 प्रतिशत सड़क को गड्ढा मुक्त बनाने की घोषणा किया था जो आप सभी के सामने है। उसकी जमीनी हकीकत का सभी सोशल मीडिया में माजक बनाने लगे है। उत्तरप्रदेश सरकार को शक्ति से कार्य करना होगा नहीं तो अखिलेश सरकार से भी बुरा हाल होगा।
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