व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में बसे है राम, कहने वाले नरेश अग्रवाल अब भाजपा की शान


व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में बसे है राम, कहने वाले नरेश अग्रवाल अब भाजपा की शान
नरेश अग्रवाल और पीयूष गोयल 

नरेश अग्रवाल के ' व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में बसे हैं राम, जिन में माता जानकी, ठर्रे में हनुमान, बोलो सियाराम चन्द्र की जय ' इस बयान पर पाकिस्तान से भी ज्यादा खतरनाक बताने वाली बीजेपी ने नरेश अग्रवाल को कैसे बीजेपी में शामिल किया सबके समझ से परे है। 

पहले चाल, चेहरा और चरित्र की बात करने वाली बीजेपी के लिए अब शायद सत्ता ही मूलमंत्र हो गया है। और उसको हासिल करने के लिए उसे किसी भी तरह के समझौते से कोई परहेज नहीं रह गया है। इन दोनों नेताओं की पार्टी में शामिल इसका ताजा उदाहरण है। नरेश अग्रवाल के बारे में सोशल मीडिया पर जमकर टिप्पणियां हो रही हैं। इस मौके पर लोग उनके द्वारा बीजेपी के खिलाफ राज्यसभा में दिए गए बयानों को सामने ला रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके खिलाफ बीजेपी नेताओं और प्रवक्ताओं की टिप्पणियों की झड़ी लगा दी गयी है।

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नरेश अग्रवाल ने कहा उनका टिकट काटकर फिल्मों में काम करने वाली नाचने गाने वाली को टिकट दिया गया। यह ठीक नहीं है। समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव का सम्मान करते हैं। उनका साथ कभी नहीं छोडेंगे। लेकिन समाजवादी पार्टी जिस ढंग से किसी के भी साथ गठबंधन करे ले रही है, वो पहले जैसी पार्टी नहीं रही। बीजेपी से मैंने कोई राज्यसभा का टिकट नहीं मांगा है। कोई शर्त नहीं रखी है।

बीजेपी जो भी काम देगी वह करने को तैयार हैं। नरेश अग्रवाल का कहना है कि जब तक कोई राष्ट्रीय पार्टी में न रहे, पूरे राष्ट्र की सेवा नहीं कर सकता है। इसीलिए वह बीजेपी में शामिल हुए हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ से प्रभावित हैं। सरकार देश में अच्छा काम कर रही है। पीएम के नेतृत्व में पूरा देश आगे बढ़ रहा है।

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राज्यसभा में नरेश अग्रवाल का विवादित भाषण 

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नरेश अग्रवाल 

राज्‍यसभा में बीजेपी के सांसदों से ये सवाल समाजवादी पार्टी के सांसद सदस्‍य नरेश अग्रवाल ने आठ महीने पहले राज्‍य सभा की एक बहस में सवाल पूछा था। गौरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा को लेकर हुई बहस में नरेश अग्रवाल ये भी कह गए थे कि ' विस्की में विष्णु बसें, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान, बोलो रामचंद्र की जय '  बीजेपी सांसदों ने नरेश अग्रवाल की इस शर्मनाक टिप्‍पणी पर तब तो खूब बवाल मचाया। इसे हिंदुओं की आस्‍था पर हमला करार दिया। 

लेकिन,  जुलाई 2017 में यह विवादित भाषण देने वाले नरेश अग्रवाल अब आठ महीने बाद बीजेपी में शामिल हो गए हैं। आखिर ऐसा क्‍या गजब हो गया।  जिस पार्टी पर नरेश अग्रवाल गोरक्षा के नाम पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाते थे, उनके लिए वही पार्टी बेदाग कैसे हो गई ? और हिंदुओं की भावनाओं के प्रति अति-संवेदनशील रहने वाली भाजपा के लिए नरेश अग्रवाल पवित्र कैसे हो गए ? ये जानकारों को भी समझ से परे है।  

कौन है नरेश  अग्रवाल 

नरेश अग्रवाल उत्तर प्रदेश के हरदोई से सात बार विधायक चुने गए थे। नरेश अग्रवाल की सियासी जमीन अपने पिता की बदौलत मिली हुई है।  इनके पिता एससी अग्रवाल कांग्रेस से सांसद थे। नरेश अग्रवाल की पहचान एक अवसरवादी नेता के रूप में सामने आयी।  वे पूर्व में बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सपा और अब पुनः भाजपा में गए है। 


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नरेश के भाजपा में जाने से अखिलेश को होगा नुकसान ?


जानकारों का मानना है कि  2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है।  बसपा, सपा, भाजपा, कांग्रेस सभी पार्टियां इसी फ़िराक में है कि वो कुछ ऐसा कर दें ताकि लोकसभा चुनावों का गणित पेचीदा बना रहे।  लोगों का तर्क है कि एक ऐसे वक़्त में जब समाजवादी पार्टी सूबे में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, नरेश अग्रवाल का उनका साथ छोड़ना उन्हें बुरी तरह प्रभावित करेगा।

 नरेश का भाजपा जाना अखिलेश के लिए एक बड़ा नुकसान है मगर जब इस कथन को और नरेश अग्रवाल के इतिहास को देखें तो मिलता है कि इनके पास ऐसा कुछ नहीं है जिसपर अखिलेश बड़ा दाव खेल सकें। अब चूंकि ये सपा छोड़ चुके हैं तो अखिलेश समर्थकों का तर्क है कि ऐसे ही धीरे-धीरे दूषित हुई पार्टी अपने आप ही साफ होगी। 


पहले  अखिलेश यादव को खुश करने के लिए नरेश लगातार हिन्दू विरोधी बयान दिया करते  और उन्होंने बीजेपी से तीखे प्रहार भी सहे हैं।  ऐसे में उनका सपा छोड़ना और बीजेपी में जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि इससे उन्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा मगर सारे देश के सामने बीजेपी की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगेगा।  ऐसे में ये देखना दिलचस्प रहेगा कि आखिर कैसे बीजेपी इनकी शुद्धि करेगी ताकि इनके कारण बीजेपी देश में सम्मान न गिरे। 


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