बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में असफल रही और सिर्फ छह मतों से सरकार गिर गई। इसी के साथ राज्य में करीब तीन हफ्ते से चल रहे राजनीतिक ड्रामे का अंत हो गया।
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को संख्या बल नहीं मिला और उन्होंने विश्वास मत प्रस्ताव पर चार दिन की चर्चा के खत्म होने के बाद हार का सामना किया। विधानसभा में पिछले बृहस्पतिवार को उन्होंने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था।
HD Kumaraswamy walks out of the Karnataka Assembly, Congress-JD(S) government lost trust vote in the assembly, today. pic.twitter.com/QFooJqLZOR— ANI (@ANI) July 23, 2019
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने ऐलान किया कि 99 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया है। इस प्रकार यह प्रस्ताव गिर गया।
आपको बतादे कि कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए आवश्यक सदस्य संख्या 113 है। 15 विधायकों के इस्तीफा स्वीकार हो जाने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन की सदस्य संख्या 102 हो जाती। वहीं 224 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 105 विधायक हैं।
इसलिए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 15 विधायकों के इस्तीफा दे देने के बाद राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में विश्वास मत साबित करना पड़ा।
बतादे कि कांग्रेस-जेडीएस गठगबंधन सरकार ने राज्य में महज 14 महीने का कार्यकाल ही पूरा किया था।
कांग्रेस नेता एचके पाटिल ने कहा, कांग्रेस जेडीएस गठबंधन विश्वास मत हासिल करने में असफल रहा। यह हार विधायकों के विश्वासघात की वजह से मिली। हम बहुत सारी चीजों के प्रभाव में आ चुके थे। कर्नाटक के लोग इस तरह के विश्वासघात को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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