कश्मीर में Article
370 को लेकर मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया
है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने सदन
में Article 370 हटाने का संकल्प सदन में
पेश किया। शाह ने कहा कि कश्मीर में लागू धारा 370 में सिर्फ खंड-1 रहेगा,
बाकी प्रावधानों को हटा दिया जाएगा।
Article 370 के अलावा नए प्रावधान में
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव भी शामिल है। उसके तहत जम्मू कश्मीर अब केंद्र
शासित प्रदेश होगा और लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर दिया गया है। लद्दाख को भी
केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। हालांकि लद्दाख में विधानसभा नहीं
होगी।
Article 370 हटने से जम्मू कश्मीर में ये होगा बड़ा बदलाव
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कश्मीर में लग सकेगा
राष्ट्रपति शासन
जम्मू कश्मीर राज्य में
संविधान का Article 370 लागू था। इस कारण
राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था। यानी वहां
राष्ट्रपति शासन नहीं, बल्कि राज्यपाल शासन लगता
था। अब कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लग सकेगा।
कश्मीर में अब वित्तीय
आपातकाल लागू होगा
भारतीय संविधान की धारा 360 के तहत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान
है. वो भी जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता था. अब यहां वित्तीय आपातकाल लागू हो
सकेगा।
अब 5 साल का विधानसभा का कार्यकाल
जम्मू कश्मीर की विधानसभा
का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था,
जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का
कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। अनुच्छेद-370 हटने के बाद यहां भी विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा।
कश्मीर में अब मिलेगा आरक्षण
संविधान में वर्णित राज्य
के नीति निदेशक तत्व भी यहां लागू नहीं होते थे। साथ ही कश्मीर में अल्पसंख्यकों
को आरक्षण नहीं मिलता था। गृहमंत्री ने अमित शाह ने कहा कि इस बिल के तहत जम्मू
कश्मीर में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
अब कश्मीर में खत्म होगी दोहरी नागरिकता
यहां नागरिकों के पास
दोहरी नागरिकता होती है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में अलग झंडा और अलग संविधान
चलता है। जो अब छीन जाएगा।
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आरटीआई कानून होगा लागू
संसद में पास कानून जम्मू
कश्मीर में तुरंत लागू नहीं होते थे। शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, मनी
लांड्रिंग विरोधी कानून, कालाधन
विरोधी कानून और भ्रष्टाचार विरोधी कानून कश्मीर में लागू नहीं था, जो अब लागू हो सकेगा।
लद्दाख बना केंद्र शासित प्रदेश
Article 370 हटाने
के बाद नए प्रावधान में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव शामिल है। लद्दाख को
केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां विधानसभा नहीं होगी। रिपोर्ट के मुताबिक
जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला है। वहां देश की
राजधानी दिल्ली की तरह विधानसभा होगी।
यहां अब राज्यपाल की जगह उप राज्यपाल की नियुक्ति होगी और प्रदेश सरकार के
पास सीमित अधिकार होंगे।
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