फाइल फोटो |
नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप मामले में दोषी ठहराए गए MLA कुलदीप सिंह सेंगर ने तीस हजारी कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में चुनौती दी थी। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सेंगर की याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मियाद 60 दिन और बढ़ा दी है। लेकिन इस जमा पैसे में से 10 लाख रुपए किसी भी हालत में पीड़िता को बिना शर्त जारी हो जायेगी। इसके अलावा हाईकोर्ट ने सेंगर की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आप को बता दें कि उन्नाव रेप मामले में दोषी ठहराए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पिछले महीने तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में दोषी सेंगर को पच्चीस लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया था। कोर्ट ने मामले में विधायक कुलदीप सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया था।
376 और पॉक्सो के धारा 6 के तहत दोषी
इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बहस के दौरान कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की थी। 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि, 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं देना चाहता, क्योंकि उन्नाव रेप कांड जघन्य साजिश, हत्या और दुर्घटनाओं से भरा हुआ है।
पीड़िता के पिता का इलाज करने वाले डॉक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत
हाल ही में उन्नाव रेप केस की पीड़िता के पिता का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय ही वो डॉक्टर थे जिन्होंने उन्नाव रेप केस की पीड़िता के पिता का इलाज किया था। वर्ष 2017 में उन्नाव गैंगरेप कांड का मामला सामने आने के बाद जब पीड़िता के पिता को मारपीट के बाद जिला अस्पताल लाया गया था तब डॉक्टर प्रशांत ही इमरजेंसी में थे। इन्होंने ही पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया था। इसके बाद जब मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई तो डाक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था और काफी समय बाद इनकी बहाली हुई थी।
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