चिट्ठी मामले पर कांग्रेस की बैठक में बवाल, राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद में तकरार |
नई दिल्ली : कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बेहद तनावपूर्ण रहा। वीडियो कॉन्फ्रें सिंग के जरिए हो रही बैठक में 23 वरिष्ठं कांग्रेसियों की नेतृत्वC में परिवर्तन को लेकर सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी के मामले ने तूल पकड़ लिया। वही सोनिया ने चिट्ठी को वजह बताते हुए इस्तीतफे की पेशकश की। सोनिया गांधी ने अन्य नेताओं से नया पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा। फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एके एंटनी ने हस्तटक्षेप किया।
बैठक में राहुल गांधी की बारी आते-आते माहौल गर्मा चुका था। राहुल ने इन 23 नेताओं के बीजेपी संग मिलकर चिट्ठी लिखने का आरोप लगाया। जिससे बात और बिगड़ गई। मीटिंग से पाहिले ही कांग्रेस के दो धड़े बन गए हैं। एक वो जो सोनिया गांधी के नेतृत्वे में ही बने रहना चाहता है, दूसरा जो नेतृत्वए परिवर्तन चाह रहा है।
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सोनिया गांधी का इस्तीफा की पेशकश
सोनिया गांधी ने अपना पद छोड़ने की पेशकश की। उन्होंनने पद छोड़ने के लिए गुलाम नबी आजाद और अन्य नेताओं के लेटर का हवाला दिया। गांधी ने अन्य नेताओं से नया पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा और केसी वेणुगोपाल को एक पत्र सौंपकर असंतुष्ट नेताओं की तरफ से भेजे गए पत्रों का जवाब दिया।
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मनमोहन सिंह और एंटनी ने कहा, पद पर बने रहिए
सोनिया की पेशकश पर पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया। श्री सिंह और एके एंटनी ने उन नेताओं की आलोचना की जिन्होंने नेतृत्व में बदलाव की मांग करते हुए पत्र लिखा था।
राहुल बोले- सोनिया को लिखी चिट्ठी बीजेपी की साजिश
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था?' उन्होंनने मीटिंग में कहा कि 'पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक है, मीडिया नहीं।'
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उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखा गया है। प्रियंका गांधी ने राहुल की बात से पूरी तरह सहमति जताई। उन्हों ने भाई के सुर में सुर मिलाते हुए चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेसियों की आलोचना की। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर उन नेताओं को दोहरे चरित्र का बताया।
गुलाम नबी आजाद बोले - तो दे दूंगा इस्तीफा
राहुल गाँधी के बीजेपी से मिलीभगत के आरोप पर गुलाम नबी आजाद चिढ़ गए। गुलाम नबी राज्यासभा में कांग्रेस के नेता हैं। उनकी अगुवाई में ही वरिष्ठो कांग्रेसियों ने सोनिया को चिट्ठी लिखी थी। आजाद ने कहा कि अगर 'बीजेपी से सांठ-गांठ के आरोप सिद्ध होते हैं तो मैं त्यायगपत्र दे दूंगा।'
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