विदेश से आकर जो भी छिपे बैठे हैं, बाहर आएं, खुद बताएं डरे नहीं - रवीश कुमार

रवीश कुमार 


बाली, इंडोनेशिया से एक भारतीय जोड़ा आया। उसे शम्शबाद एयरपोर्ट पर 14 दिनों के लिए क्वारेंटिन में रखा गया। दोनों वहां से भाग गए। उसके बाद बंगलुरू-हज़रत निज़ामुद्दीन ट्रेन में सवार हो गए जो दिल्ली जा रही थी। टिकट कंडक्टर की नज़र उनके सामान पर पड़ी और शक हुआ। पुलिस बुलाई गई और दोनों पकड़े गए। रेलवे ने 12 ऐसे संदिग्ध यात्रियों की पहचान की है जिन्होंने अलग अलग समय में यात्राएं की हैं। जो संक्रमित पाए गए हैं।



रेलवे का सिस्टम सतर्क होने से पहले ऐसे कितने यात्री खुद को और पूरे कोच को खतरे में डाल गए होंगे, किसी को अंदाजा नहीं है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। वे अपने रिश्तेदारों और परिवारों में मिलकर उन्हें भी खतरे में डाल रहे हैं।



हैदराबाद से उमा सुधीर ने ट्विट किया है कि 12 मार्च को फ्रांस से एक लड़का आया। उसे और उके दोसतों को कहा गया कि घर में 14 दिनों तक बंद रहें। 20 मार्च को उस लड़के ने शादी की है। मय बारात निकाली है। 1000 लोग भोज खाने आए। अफसर, वीआईपी सब। अब इस दूल्हे राजा को संक्रमण हो गया है।



विदेश से आने वाले लोग अभी तक मज़ाक में ले रहे हैं। उन्होंने बहुत बड़ी ग़लती की है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए था। मुझे नहीं लगता कि ये लोग सिर्फ सरकारी सख़्ती से मानेंगे। सरकार से चूक हुई है लेकिन जान तो जनता की जानी है। इसलिए जनता ऐसे लोगों पर नज़र रखे। परिवार में लोग प्रोत्साहित करें कि विदेश से कोई आया है तो वह अपनी सूचना सारे रिश्तेदारों को दे। ताकि वे उसके घर न आएं। जो लोग काम करने आते हैं, उन्हें मना करे ताकि ग़रीब लोग इस संक्रमण का शिकार न हों। अपने परिवार में किसी को जानते हैं तो दबाव डालें कि वह 14 दिनों तक घर में भी कमरे से बाहर न निकले। लोगों से मिले जुले नहीं। अगर वो ऐसा करते हैं तो थाने में रिपोर्ट कर दें।



विदेश से आए लोगों ने देश को बड़े संकट में डाल दिया है। उनकी लापरवाही सब पर भारी पड़ेगी। अभी भी ये लोग सामने नहीं आ रहे हैं। टिकट अटेंडेंट और थानेदार कितने लोगों का पता लगा लेगा और पकड़ लेगा। तब तक बहुत देर हो जाएगी। इसलिए ऐसे लोगों से बार बार अपील की ज़रूरत है।






हाउसिंग सोसायटी के प्रेसिडेंट अपनी सोसायटी में सर्वे करें कि कौन लोग विदेश से आया है। किस देश से आया है। उसने अथारिटी को रिपोर्ट किया है या नहीं। उनके बारे में नोटिस लगा दें ताकि बाकी बच्चे उनके घर में खेलने न जाएं। ऐसे लोगों के घर काम करने वाली महिला और ड्राइवर को भी सतर्क करें। उनकी जांच करवाएं। वो महिला और किस किस घर में काम करने गई है इसकी सूची बनाएं। प्रशासन को सूचित करें। हर सोसायटी में नोटिस लगा होना चाहिए कि जो भी विदेश से आया है उसे प्रेसिडेंट को बताना होगा। प्रेसिडेंट उसकी जानकारी सोसायटी के बाकी सदस्यों को भी दें। सरकार ऐसा कानून भी बना दे तो बेहतर होगा।



सामाजिक दूरी के साथ सामाजिक निगरानी भी बहुत ज़रूरी है। कोरोना से लड़ना है तो लड़ाई ज़रूरी है।

रवीश कुमार 


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