आपके लिए न्यूयार्क के गवर्नर की प्रेस कांफ्रेंस का अनुवाद किया है - रवीश कुमार

रवीश कुमार 


CNN पर भारतीय समय के अनुसार रात नौ बजे न्यूयार्क प्रान्त के गर्वनर Andrew Cuomo एंड्रयू क्यूमो की प्रेस कांफ्रेंस का प्रसारण होता है। आप इस प्रेस कांफ्रेंस को देखिए। पता चलेगा कि एक प्रान्त का मुखिया संकट की घड़ी में लोगों से कितनी पारदर्शिता के साथ बात कर रहा है। गवर्नर एंड्रयू क्यूमो अपनी प्रेस कांफ्रेस में जो भी कहते हैं उसे शब्दश एक वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है। मैंने इसके बड़े हिस्से का अनुवाद किया है। कहीं कहीं भाव रखा है तो कहीं कहीं शब्दश भी है। कई पैराग्राफ छोड़ भी दिए हैं। हिन्दी के पाठक इस कांफ्रेंस को पढ़ें। उन्हें पता चलेगा कि किस तरह एक राज्य का मुखिया अपनी तैयारियों और चुनौतियों के बारे में साफ साफ जानकारी दे रहा है। इसे पढ़ते हुए पता चलता है कि कितना काम हो रहा है।






आप भारत सरकार की प्रेस रिलीज और खास कर बिहार सरकार की प्रेस रिलीज़ देख लें। इसकी इससे तुलना कर लें। काफी कुछ सीखेंगे। विश्व गुरु के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाने का खेल चल रहा है। कमेंट करने वालों की चिन्ता न करें। उनके दिमाग में अब सुनने और जानने की जगह नहीं बची है। कमाल का दौर है। असफलताओं को सफलता के रूप में बेचा जा रहा है। न्यूयार्क प्रांत की आबादी करीब दो करोड़ होगी। बिहार या यूपी में कई न्यूयार्क प्रान्त आ जाएंगे। बाकी आप पर है। हिन्दी प्रदेश अभिशप्त प्रदेश है। इसका एक ही इलाज है। जानो और लोगों को जागरूक करो। जिस वक्त मंत्री को वेंटिलेटर की बात करनी चाहिए उस वक्त गर्व से बता रहे हैं कि रामायण सीरियल का प्रसारण होगा। ताकि जब लोग सवाल उठाएं तो बहस छिड़ जाए कि रामायण से क्या दिक्कत है। रामायण से किसे दिक्कत है। सीरीयल दिखाने के फैसले से दिक्कत है। क्या ये स्तर होगा विश्व गुरु का।



न्यूयार्क के गर्वनर को बोलते हुए एक बार सुन लीजिए।



न्यूयार्क प्रान्त के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो का भाषण



3 मार्च से 25 मार्च के बीच। हमारी योजना के दो हिस्से हैं। पहला चरण है ग्राफ के शिखर को नीचे लाना। उसे समतल करना। दूसरा है अस्पतालों की क्षमता बढ़ाना।


इस वक्त लोगों को जागरुक करना सभी के लिए ज़रूरी है। दूसरी तरफ लोक स्वास्थ्य में संतुलन लाना होगा। मैंने सरकारी स्कूल बंद करने का फैसला किया। मुझे लगा कि यह सुरक्षित होगा। वायरस फैलने से रूकेगा। हमने 18 मार्च को स्कूल बंद कर दिए। हमने कहा था कि दो हफ्ते के लिए बंद करेंगे उसके बाद स्थिति का मूल्यांकन करेंगे। 1 अप्रैल को दो हफ्ते पूरे होंगे। हर स्कूल को 180 दिनों की पढ़ाई पूरी करनी होती है। ज़रूरत पड़ेगी तो हम इसमें भी छूट देंगे।


हमने स्कूलों को बंद करने से पहले कहा कि अपना प्लान तैयार करें। क्योंकि स्कूल सिर्फ स्कूल नहीं होते हैं। स्कूल एक तरह से अनिवार्य सेवाओं में लगे कामगारों के लिए चाइल्ड केयर सेंटर होते हैं। स्कूल बच्चों को खाना देते हैं। स्कूलों को प्लान बनाना था कि वे कैसे इन संकटों का सामना करेंगे।


मैं 1 अप्रैल को समीक्षा करूंगा लेकिन मुझे लगता है कि स्कूल बंद ही रहेंगे। मैं इसे खुशी खुशी नहीं कर रहा हूं। आप देखिए कि अभी भी केस की संख्या बढ़ रही है। इसलिए स्कूल बंद करना ही उचित है। स्कूलों को घर में ही शिक्षा देने का इंतज़ाम करना होगा। भोजन देने का इंतज़ाम करना होगा।


साथ ही हम अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। देख रहे हैं कि केस की संख्या बढ़ने के क्या आसार हैं। पोज़िटिव केस के मामले हर दिन अलग अलग होते हैं। हम इस वक्त मान कर चल रहे हैं कि यह 21 दिनों तक चढ़ाई की तरफ ही रहेगा। इसलिए हम अस्पतालों की क्षमता पर ज़ोर देना चाहते हैं।



जो हो सकता है, हम कर रहे हैं। हम वो कर रहे हैं जो पहले नहीं किया गया है। हम अब असंभव काम कर रहे हैं। सारे अस्पतालों को अपनी क्षमता 50 फीसदी बढ़ानी होगी। हम अस्पतालों से कह रहे हैं कि वे कोशिश करें कि उनकी क्षमता 100 गुनी बढ़ जाए। हम होटल को अस्पताल में बदलने पर विचार कर रहे हैं। हास्टल को अस्पताल में बदलने पर विचार कर रहे हैं। जहां से संभव हो सकता है हम उपकरणों को जमा कर रहे हैं। डाक्टरों के लिए सबसे ज़रूरी PPE equipment है। वेंटिलेटर सबसे महत्वपूर्ण है। हम दुनिया भर से वेंटिलेटर खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। हम इन चीज़ों को जमा कर लेना चाहते हैं ताकि जब 21 दिनों के बाद कोरोना के संक्रमण का ग्राफ चढ़ाई पर पहुंचेगा तो हम इन उपकरणों को काम में लगा सकें।


N95 मास्क, सर्जिकल मास्क, दस्ताने, प्रोटेक्टिव गाउन, कवर आल्स और सबसे अहम वेंटिलेटर। वेंटिलेटर क्यों? क्योंकि यह सांस की बीमारी है। लोगों को गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर की ज़रूरत होगी। लोगों को लंबे समय तक के लिए वेंटिलेटर पर रखना होता है। आम तौर पर लोग 2 से 4 दिनों तक वेंटिलेटर पर होते हैं लेकिन कोविड 19 के मरीज़ 20 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखे जा रहे हैं। इसलिए वेंटिलेटर की ज़रूरत महत्वपूर्ण है।


जब कोरोना का ग्राफ अपने शिखर पर पहुंचेगा उस वक्त हमें 1,40,000 बिस्तरों की ज़रूरत होगी। इस वक्त हमारे पास 53,000 बिस्तर हैं।



हमें 40,000 ICU बिस्तरों की ज़रूरत है। जब हमने शुरू किया था हमारे पास 3000 आई सी यू थे। जिनमें 3000 वेंटिलेटर लगे थे। आप देखिए यह कितना असाध्य कार्य है। हम पहाड़ की चढ़ाई चढ़ रहे हैं। हम कैसे 1,40,000 बिस्तरों का इंतज़ाम करेंगे। सभी अस्पतालों को अपनी क्षमता 50 प्रतिशत बढ़ानी होगी। कुछ को 100 प्रतिशत करनी होगी। इन अस्पतालों को हम गोल्ड स्टार अवार्ड देने जा रहे हैं। सेना और नेशनल गार्ड को लगाया गया है इन अस्पतालों को खड़ा करने में। इस वक्त हम चार अस्पताल बना रहे हैं। इससे हम 4000 यूनिट ही हासिल कर सकेंगे। सब पर काम चल रहा है।


अब इसके बाद भी अस्पताल में बिस्तरों की कमी हो गई तो उसके लिए हमने प्लान-B तैयार किया है। प्लान-B क्या है? हम चार और अस्थायी अस्पताल बनाने पर विचार कर रहे हैं। उससे हमें 4000 बिस्तर और मिल जाएंगे। हम कुछ दिनों से जगह की तलाश कर रहे हैं। हमने कुछ जगह देखी है। आज राष्ट्रपति से बात करने जा रहे हैं कि क्या वे इन चार अस्पतालों को अनुमति दे सकते हैं? हम न्यूयार्क राज्य के हर हिस्से में अस्पताल चाहते हैं ताकि किसी को तकलीफ़ न हो। सबको बराबर मदद मिले।


हमने न्यूयार्क एक्सपो सेंटर में जगह देखी है। 90,000 वर्ग मीटर का है। सेना के इंजीनियर हमारे साथ काम कर रहे हैं। क्वींस में एक्वाडक्ट रेस ट्रैक को हमने देखा है। 100,000 वर्ग मीटर है। ब्रूकलिन क्रूज़ टर्मिनल में भी जगह देखी है। यह बंदरगाह प्राधिकरण की संपत्ति है लेकिन काफी खुली जगह है। 1,82,000 वर्ग फुट जगह को हम आसानी से अस्पताल में बदल सकते हैं। स्टैटन आइलैंड में कालेड आफ स्टैटन आइलैंड है। 77,000 वर्गफुट की जगह है। इसे भी हम अस्पताल में बदलने जा रहे हैं। अगर राष्ट्रपति ने इजाज़त दी तो हमारे पास नौ सेना का जहाज कंफर्ट भी होगा। इसमें 1000 बिस्तर हैं। 1200 मेडिकल स्टाफ हैं। 12 आपरेशन थियेटर हैं। इसमें लैब है। फार्मेसी है। उम्मीद है सोमवार तक यह जहाज़ न्यूयार्क हार्बर पर होगा। इससे भी हमें मदद मिलेगी।


इसी के साथ हम संक्रमण की रफ्तार को भी धीमा करने में लगे हैं। क्या हम धीमा कर पा रहे हैं? हम ज्यादा से ज्यादा सैंपल टेस्ट कर रहे हैं। हम अमरीका के किसी भी प्रान्त से ज्यादा टेस्ट करेंगे। हम चीन और दक्षिण कोरिया से ज़्यादा टेस्ट कर रहे हैं। हमने टेस्ट करने की क्षमता तेज़ी से बढ़ाई है। अभी तक हमने 1,38,000 टेस्ट किए हैं।( भारत 30,000 भी नहीं कर सका है) 16,000 नए टेस्ट किए हैं। अभी तक 44,000 पोजिटिव केस सामने आए हैं। 7,377 नए केस हैं। संक्रमण पूरे न्यूयार्क राज्य में बढ़ता ही जा रहा है। पूरे देश में बढ़ता जा रहा है।




न्यूयार्क में मरने वालों की संख्या 519 हो गई है। इसके पहले 385 थी। यह अभी और बढ़ेगी। इससे बुरी खबर मैं क्या बता सकता हूं। मरने वालों की संख्या इसलिए बढ़ रही है क्योंकि कुछ लोग 20-25 दिन पहले अस्पताल आए थे। वे तब से वेंटिलेटर पर थे। आप वेंटिलेटर पर लंबे समय तक रहेंगे तो उससे बाहर आने की संभावना कम हो जाती है। यह सिर्फ कोरोना के मामले में ही सही नहीं है बल्कि दूसरी बीमारियों में भी यही होता है। यह बहुत बुरी ख़बर है। अगर जल्दी वेंटिलेटर से कोई बाहर नहीं आया तो यह बुरी खबर है। 44,000 पोजिटिव केस आए हैं। 6000 लोगों को भर्ती किया गया है। इसमें से 1500 वेंटिलेटर पर हैं। दो हज़ार मरीज़ों को छुट्टी भी दी गई है।


80 प्रतिशत लोगों को वायरस होगा तो आप बीमार जैसा महसूस करेंगे। हो सकता है न भी करें। 20 प्रतिशत को अस्पताल जाने की ज़रूरत होगी। इसमें से कुछ को जल्दी छुट्टी मिल जाएगी। बहुत कम लोगों की स्थिति गंभीर होगी। कोई पहले से बीमार है, सांस की बीमारी है, बुजुर्ग है। उसकी स्थिती गंभीर हो सकती है।



न्यूयार्क में दुनिया भर से लोग आते हैं। चीन, कोरिया. इटली से आते हैं। हर जगह से आते हैं। हमारी आबादी का घनत्व है। यहां सामाजिक दूरी मुश्किल है। छह फीट दूर रहना आसान नहीं है। आप सड़क पर आइये और छह फीट दूर रह कर दिखा दीजिए। न्यूयार्क में बहुत मुश्किल है।



हम इस काम को स्मार्ट तरीके से कर रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होता है तो सभी अस्पताल को हर मरीज़ को बताना पड़ता है। उसका पता क्या है, कहां से आया है, क्या लक्षण हैं, सारी सूचनाओं को एक साथ उन्हें देनी पड़ती है। इस काम में भी मेहनत है। कई बार अस्पताल के पास इन जानकारियों को जमा करने और देने का समय नहीं होता है। इसलिए किसी दिन डेटा कम दिखता है औऱ दो दिनों के बाद डबल हो जाता है।



अच्छी खबर है कि नए मामलों के आने की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। नए केस आ रहे हैं लेकिन उस रफ्तार से नहीं। इन दोनों बिन्दुओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है।




मैं न्यूयार्क के हर शहरी का शुक्रिया दा कर रहा हूं। उन्होंने ग़ज़ब का साथ दिया है। मैं यहीं पला पढ़ा हूं। अगर आप क्वींस अदाज़ में नहीं बोल पा रहे हैं तो मैं ब्रॉन्क्स उच्चारण में बात कर लूंगा। ब्रूकलिन, मैनहट के बोलने के अंदाज़ में मैं भी बातें कर सकता हूं। न्यूयार्क के लोगों का दिल बड़ा है। बड़ी संख्या में लोग वोलेंटियर बनने के लिए आ रहे हैं। हमने 62,000 वोलेंटियर का आह्वान किया था। एक दिन में 10,000 आ गए। कितनी सुंदर बात है। ये वो लोग हैं जो सेवा निवृत हो चुके हैं। जो अपना कर्तव्य निभा चुके हैं। घर बैठे थे लेकिन आगे आ रहे है। हमने मनोचिकित्सकों से भी अपील की है कि क्या वे टेलिफोन और स्काइप के ज़रिए लोगों की मदद कर सकते हैं। कई लोगों को मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हर किसी के लिए यह तनावपूर्ण समय है।


हम एक ऐतिहासिक समय में रह रहे हैं। यह एक ऐसा लम्हा है जिसके बारे में लोग लिखेंगे। आने वाली पीढ़ियों को बताएंगे। यह वो लम्हा है जो अमरीका को बदल देगा। यह वो लम्हा है जो किरदार बाहर लाता है। लोगों को एकजुट करता है। उन्हें मज़बूत बनाता है। कमज़ोर बनाता है। लेकिन यह लम्हा किरदारों को बदल देगा। 10 साल बाद आप आज के बारे में बात करेंगे। अपने बच्चों से अपने नाती पोतों से तब आप रोने लग जाएंगे क्योंकि आप अपने उन प्यारों को याद करेंगे जिन्हें खो चुके होंगे। आपको वे चेहरे याद आएंगे। आपको नाम याद आएंगे। आपको याद आएगा कि कितनी मुश्किल से इसका सामना किया गया था तब भी हम अपनों की जान नहीं बचा सके। आप अपने आंसुओं को नहीं रोक पाएंगे।

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